Saturday 29 September 2018

वचन (Numbers)

वचन की परिभाषा : संज्ञा अथवा सर्वनाम आदि शब्दों के जिस रूप से उनकी संख्या का ज्ञान हो, उसे वचन कहते हैं ; जैसे -

पेड़ से पत्ता गिरता है |
पेड़ से पत्ते गिरते हैं | 
चिड़िया दाना चुग रही है | 
चिड़ियाँ दाना चुग रही हैं | 


     ऊपर के वाक्यों में प्रथम वाक्य में 'पत्ता' शब्द से एक ही पत्ते का ज्ञान होता है, जबकि दूसरे वाक्य में 'पत्ते' शब्द से बहुत-से पत्तों का ज्ञान होता है | इसी प्रकार से तीसरे वाक्य में 'चिड़िया' शब्द से एक ही चिड़िया का ज्ञान होता है, जबकि 'चिड़ियाँ' शब्द से अनेक चिड़ियों का ज्ञान होता है |

     वचन के भेद : हिन्दी में वचन दो प्रकार के होते हैं - (क) एकवचन (ख) बहुवचन

     (क) एकवचन : शब्दों के जिस रूप से किसी वस्तु की एक संख्या का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे - ऊपर के प्रथम वाक्य में 'पत्ता' शब्द से एक पत्ते तथा तीसरे वाक्य में 'चिड़िया' शब्द से भी एक ही चिड़िया का पता चलता है ; अतः पत्ता और चिड़िया में एकवचन है |
     (ख) बहुवचन : शब्दों के जिस रूप से किसी वस्तु के एक से अधिक होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे - ऊपर के दूसरे वाक्य में 'पत्ते' शब्द से बहुत-से पत्तों तथा चौथे वाक्य में 'चिड़ियाँ' शब्द से बहुत-सी चिड़ियों का पता चलता है ; अतः पत्ते एवं चिड़ियाँ शब्दों में बहुवचन है |

     कर्त्ता का वचन तथा क्रिया : कर्त्ता के वचन का क्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है | कर्त्ता जिस वचन का होगा, उसके साथ क्रिया भी उसी वचन की लगती है | अर्थात एकवचन के कर्त्ता के साथ क्रिया भी एकवचन की लगेगी और बहुवचन के कर्त्ता के साथ क्रिया भी बहुवचन की होगी; जैसे- नीलू गा रही है | लड़कियाँ गा रही हैं |
     यहाँ पर प्रथम वाक्य में 'नीलू' कर्त्ता है और उसमें एकवचन है, अतः उसके साथ 'गा रही है' क्रिया भी एकवचन की ही है, जबकि दूसरे वाक्य में कर्ता 'लड़कियाँ' हैं और उसमें बहुवचन है; अतः उसके साथ 'गा रही हैं' क्रिया भी बहुवचन की ही है |

     एकवचन के लिए बहुवचन का प्रयोग : हिन्दी भाषा के कई बार एकवचन के कर्त्ता के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है | जिन स्थानों पर ऐसा होता है, उनको हम संक्षेप में यहाँ समझा रहे हैं -

 (१) किसी व्यक्ति को सम्मान देने के लिए हम एकवचन होते हुए भी उसके लिए बहुवचन का प्रयोग करते हैं; जैसे -
  • लालबहादुर शास्त्री कर्मठ नेता थे |
  • माताजी बाजार जायेंगी |
  • गुरूजी विद्यालय जा रहे हैं |
ऊपर के वाक्यों में लालबहादुर शास्त्री, माताजी तथा गुरूजी एकवचन हैं, किन्तु उनको सम्मान देने के लिए हमने उनके लिए बहुवचन का प्रयोग किया है ; अतः उनके साथ क्रिया भी बहुवचन प्रयुक्त हुई है |

 
(२) अपने आपको बड़ा दिखाने के लिए लोग 'मैं 'के स्थान पर 'हम' का प्रयोग करते हैं, जबकि 'मैं' एकवचन है और 'हम' बहुवचन ; जैसे -
  (क) यह पुस्तक हमने लिखी है |
  (ख) हमें तुम्हारी आदत पसंद नहीं है |
  (ग) हमारी बुराई, हमारे ही मुख पर |
ऊपर के वाक्यों में 'हमने', 'हमें' तथा 'हमारी' शब्द का प्रयोग वक्ता ने 'मैं' के स्थान पर किया है | यहाँ 'मैं' एकवचन के लिए बहुवचन के शब्दों का प्रयोग किया गया है |
(३) सभ्यता और शिष्टाचार को प्रदर्शित के लिए 'तू' एकवचन के स्थान पर 'तुम' अथवा 'आप' बहुवचन शब्दों का प्रयोग किया जाता है ; जैसे -
(क) तुम दिल्ली कब गए थे?
(ख) आप कभी हमारे यहाँ आइये |
(ग) आज आप बहुत खुश हैं |
ऊपर के वाक्यों में 'तू' एकवचन शब्द के स्थान पर 'तुम' तथा 'आप' बहुवचन शब्दों का प्रयोग किया गया है |


एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए : एकवचन शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए शब्दों के अन्त में कुछ प्रत्यय जोड़ दिए जाते हैं | जो प्रत्यय शब्दों के अन्त में लगाए जाते हैं ; उनमें से कुछ मुख्य प्रत्यय हैं - ए, एँ, यों, याँ, ओ, ओं |
     इन प्रत्ययों द्वारा किस प्रकार वचन परिवर्तन किये जाते हैं, उसको आगे समझाया जा रहा है -
  1. अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त के 'अ' को 'एँ' कर देते हैं, जबकि अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त के 'अ' को 'ओं' कर देते हैं, जैसे -
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    सास
    सासें
    बात
    बातें
    रात
    रातें
    पुस्तक
    पुस्तकें
    कलम
    कलमें
    दवात
    दवातें
    घास
    घासें
    गाय
    गायें
    भैंस
    भैंसें
    कोयल
    कोयलें

    पु. एकवचन
    पु. बहुवचन
    पु. एकवचन
    पु. बहुवचन
    बालक
    बालकों
    बैल
    बैलों
    छात्र
    छात्रों
    अध्यापक
    अध्यापकों
    फल
    फलों
    फूल
    फूलों
    स्कूल
    स्कूलों
    पत्र
    पत्रों

     विशेष : पुल्लिंग शब्दों के लिए यह नियम उसी स्थिति में लगता है, जब इन शब्दों का प्रयोग कर्त्ता कारक के रूप में हो और कर्त्ता कारक के चिह्न 'ने' का वहाँ प्रयोग हुआ हो | जहाँ पर 'ने' का प्रयोग नहीं होगा, वहाँ पर एकवचन तथा बहुवचन एक ही रहेंगे ; जैसे -
    (क)
    छात्र पढ़ता है |
    छात्र पढ़ते हैं |
    (ख)
    मित्र ने सहायता की |
    मित्रों ने सहायता की |
    स्त्रीलिंग शब्दों के साथ 'ने' आने पर 'अ' का 'ओं' होता है ; जैसे -
    (क)
    सास बैठी है |
    सासें बैठी हैं |
    (ख)
    सास ने झगड़ा किया |
    सासों ने झगड़ा किया |

  2. आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में 'एँ' जोड़ देते हैं, जबकि आकारान्त पुल्लिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त वाले 'आ' को 'ए' कर देते हैं ; जैसे -
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    माला
    मालाएँ
    माता
    माताएँ
    कन्या
    कन्याएँ
    बाला
    बालाएँ
    शिला
    शिलाएँ
    महिला
    महिलाएँ
    वार्त्ता
    वार्त्ताएँ
    लता
    लताएँ


    पु. एकवचन
    पु. बहुवचन
    पु. एकवचन
    पु. बहुवचन
    चर्खा
    चर्खे
    काला
    काले
    चूहा
    चूहे
    कुआँ
    कुएँ
    पुआ
    पुए
    बटुआ
    बटुए
    कुत्ता
    कुत्ते
    बेटा
    बेटे

    विशेष : यह नियम भी उसी स्थिति में लगता है, जब कर्त्ता कारक के चिह्न 'ने' का प्रयोग नहीं किया जाता | 'ने' का प्रयोग होने पर स्त्रीलिंग में 'आ' को 'ओं' तथा पुल्लिंग में भी 'आ' को 'ओं' होता है; जैसे -
    स्त्रीलिंग :
    (क) यह कन्या गाती है |
    ये कन्याएँ गाती हैं |

    (ख) कन्या ने गाना गाया |
    कन्याओं ने गाना गाया |
    पुल्लिंग :
    (क) चूहा अनाज खा गया |
    चूहे अनाज खा गये |

    (ख) चूहे ने अनाज खा लिया |
    चूहों ने अनाज खा लिया |

  3. इकारान्त तथा ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए शब्दों के अन्त में 'याँ' जोड़ देते हैं | ईकारान्त शब्दों में 'ई' को 'इ' होने के बाद याँ जोड़ा जाता है | पुल्लिंग इकारान्त तथा ईकारान्त शब्दों का एकवचन तथा बहुवचन एक ही होता है |
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    विधि
    विधियाँ
    रीति
    रीतियाँ
    नीति
    नीतियाँ
    रात्रि
    रात्रियाँ
    स्त्री
    स्त्रियाँ
    मक्खी
    मक्खियाँ
    टोपी
    टोपियाँ
    बोली
    बोलियाँ

    विशेष : यह नियम भी उसी स्थिति में लगता है, जब 'ने' का प्रयोग नहीं होता | 'ने' का प्रयोग होने पर शब्दों के अन्त में 'यों' ही लगाया जाता है ; जैसे -
    स्त्रीलिंग :
    (क) स्त्री खाना पकाती है |
    स्त्रियाँ खाना पकाती हैं |

    (ख) स्त्री ने खाना पकाया |
    स्त्रियों ने खाना पकाया |
    पुल्लिंग :
    (क) कवि कविता पाठ करता है |
    कवि कविता पाठ करते हैं |

    (ख) कवि ने कविता पाठ किया |
    कवियों ने कविता पाठ किया |

  4. उकारान्त तथा ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में 'एँ' जोड़ देते हैं, किन्तु ऊकारान्त शब्दों में अन्त के 'ऊ' को 'उ' करने के पश्चात 'एँ' लगाते हैं | पुल्लिंग में उकारान्त तथा ऊकारान्त दोनों ही शब्दों में एकवचन तथा बहुवचन एक ही होते हैं ; जैसे -
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    वस्तु
    वस्तुएँ
    धेनु
    धेनुएँ
    वधू
    वधुएँ
    बहु
    बहुएँ

    विशेष : उपर्युक्त नियम भी उसी स्थिति में लगता है, जब 'ने' का प्रयोग नहीं होता | 'ने' का प्रयोग होने पर शब्दों के अन्त में 'ओं' लगता है | पुल्लिंग उकारान्त तथा ऊकारान्त में भी 'ने' के होने पर शब्दों के अन्त में 'ओं' लगता है ; जैसे -
    स्त्रीलिंग :
    (क) धेनु घास चरती है |
    धेनुएँ घास चरती हैं |

    (ख) धेनु ने घास खायी |
    धेनुओं ने घास खायी |
    पुल्लिंग :
    (क) साधु भिक्षा माँगता है |
    साधु भिक्षा माँगते हैं |

    (ख) साधु ने भिक्षा माँगी |
    साधुओं ने भिक्षा माँगी |

  5. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में 'या' होता है, उनमें से कुछ के बहुवचन बनाने के लिए 'या' को 'याँ' कर देते हैं ; जैसे -
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    स्त्री. एकवचन
    स्त्री. बहुवचन
    गुड़िया
    गुड़ियाँ
    चिड़िया
    चिड़ियाँ
    लुटिया
    लुटियाँ
    बुढ़िया
    बुढ़ियाँ
    खटिया
    खटियाँ
    कुटिया
    कुटियाँ

  6. कुछ पुल्लिंग शब्द ऐसे भी हैं, जिनका सदैव ही बहुवचन में प्रयोग होता है; जैसे -
    (क) मेरे बाल सफ़ेद हो गये |
    (ख) खरगोश के प्राण पखेरू हो गये |
    (ग) पुजारी पूजा के लिए पुष्प चुनता है |
    (घ) ये मेरे हस्ताक्षर किसने किये हैं ?
    यहाँ पर बाल, प्राण, पुष्प तथा हस्ताक्षर शब्दों का बहुवचन में प्रयोग हुआ है | यदि इनमें से किसी का एकवचन बनाना हो तो शब्द से पहले 'एक' लिखेंगे ; जैसे -
    मेरा एक बाल सफ़ेद हो गया |
  7. कुछ पुल्लिंग शब्दों बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में 'गण', 'वृन्द' अथवा 'वर्ग' शब्द लगा देते हैं ; जैसे -
    (क) अध्यापकगण अपनी कक्षाओं में हैं |
    (ख) गोपालवृन्द गायें चराने जा रहे हैं |
    (ग) कर्मचारीवर्ग अपनी माँगों के लिए हड़ताल पर हैं |