Wednesday 24 October 2018

काल और उसके भाग (Tense and its divisions)

     काल की परिभाषा : क्रियाओं के जिस रूप से कार्य के सम्पन्न होने के काम (समय) का पता चलता है, उसे क्रिया का काल कहा जाता है ; जैसे -
गाय घास खा रही है |
गाय घास खा चुकी है |
गाय घास खायेगी |

     ऊपर के वाक्यों में प्रथम वाक्य में गाय द्वारा घास खाये जाने का कार्य अभी चल रहा है, दूसरे वाक्य में घास खाने के कार्य को समाप्त कर चुकी है, जबकि तीसरे वाक्य में उसे घास खाने का कार्य करना है | कार्य करने के समय (काल) की इन तीनों अवस्थाओं को अलग-अलग नामों से जाना जाता है -
(१) वर्तमानकाल, (२) भूतकाल, (३) भविष्यत्काल |

     (१) वर्तमानकाल : क्रिया के जिस रूप से चल रहे समय में कार्य होने का ज्ञान होता है, उसे वर्तमानकाल कहते हैं ; जैसे - पुष्प खिल रहा है | यहाँ पर पुष्प खिलने का कार्य चल रहे समय में हो रहा है ; अतः 'खिल रहा है' क्रिया में वर्तमानकाल है | वर्तमानकाल के तीन भेद होते हैं -
     (क) सामान्य वर्तमानकाल : चल रहे समय में क्रिया के जिस रूप द्वारा कार्य के सामान्य रूप से होने का ज्ञान होता है, उसे सामान्य वर्तमानकाल कहा जाता है ; जैसे - भैंस चरती है | बालिका गाती है
     (ख) अपूर्ण वर्तमानकाल : चल रहे समय में क्रिया के जिस रूप द्वारा कार्य के अभी निरन्तर होते रहने का ज्ञान होता है, उसे अपूर्ण वर्तमानकाल कहा जाता है ; जैसे - सिनेमाघर में फिल्म चल रही है | गंगा नदी में बाढ़ आयी हुई है
     (ग) संदिग्ध वर्तमानकाल : चल रहे समय में क्रिया के जिस रूप द्वारा किसी कार्य के होने के विषय में संदेह उत्पन्न होता है, उसे संदिग्ध वर्तमानकाल कहा जाता है ; जैसे - इस समय गोवा में वर्षा हो रही होगी | बच्चे तालाब में नहा रहे होंगे

     (२) भूतकाल : क्रिया के जिस रूप द्वारा कार्य के बीते हुए समय में समाप्त होने का ज्ञान होता है, उसे भूतकाल कहते हैं ; जैसे - दिल्ली से एक बस आयी थी | यहाँ पर बस के आने का कार्य बीते हुए समय में समाप्त हो चुका है ; अतः 'आयी थी' क्रिया में भूतकाल है | 
     कार्य के समाप्त होने के समय की अवधि के अनुसार भूतकाल के निम्नलिखित छह प्रकार होते हैं -

     (क) सामान्य भूतकाल : बीते हुए समय में किसी कार्य के सामान्य अवस्था में समाप्त हो जाने का ज्ञान क्रिया के जिस रूप द्वारा होता है, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं ; जैसे - सरला ने खाना पकाया | 
     (ख) आसन्न भूतकाल : क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि जो कार्य बीते समय में आरम्भ हुआ था और अभी-अभी समाप्त हुआ है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं ; जैसे - पिताजी अभी-अभी बाजार से आये हैं | कुत्ता सोकर उठा है | 
     (ग) पूर्ण भूतकाल : क्रिया के जिस रूप द्वारा किसी कार्य के बीते हुए समय में बहुत पहले समाप्त हो जाने का ज्ञान होता है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं ; जैसे - वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी | 
     (घ) अपूर्ण भूतकाल : क्रिया के जिस रूप द्वारा किसी कार्य के बीते हुए समय में आरम्भ होने का ज्ञान तो होता है, किन्तु उसकी समाप्ति का कोई ज्ञान नहीं होता है, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं; जैसे - जब मैं दिल्ली से चला, वहाँ वर्षा हो रही थी |
     (ङ) संदिग्ध भूतकाल : क्रिया के जिस रूप द्वारा किसी कार्य के बीते समय में समाप्त हो जाने में संदेह उत्पन्न होता है, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं ; जैसे - डॉक्टर अस्पताल जा चुका होगा | बाढ़ का पानी उतर चुका होगा | 
     (च) हेतुहेतुमद् भूतकाल : क्रिया के जिस रूप द्वारा बीते हुए समय में किसी कार्य का सम्पन्न होना किसी दूसरे कार्य पर निर्भर करता है, उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते हैं ; जैसे - यदि डॉक्टर आता, तो रोगी वापस नहीं जाते | यदि दीपक में तेल होता तो वह नहीं बुझता | 

     (३) भविष्यत्काल : क्रिया के जिस रूप द्वारा किसी कार्य के आने वाले समय में होने का ज्ञान होता है, उसे भविष्यत्काल कहते हैं ; जैसे- अगले वर्ष सूखा पड़ेगा | यहाँ पर सूखा पड़ने का कार्य अगले वर्ष में होना है ; अतः 'पड़ेगा' क्रिया में भविष्यत्काल कहते हैं | इस काल के भी दो भेद होते हैं -
     (क) सामान्य भविष्यत्काल : आने वाले समय में क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य का सामान्य रूप से होना पाया जाए, उसे सामान्य भविष्यत्काल कहते हैं ; जैसे - यह गाड़ी दिल्ली होकर मुंबई जायेगी | 
     (ख) सम्भाव्य अथवा संदिग्ध भविष्यत्काल : आने वाले समय में क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के होने की सम्भावना का पता चलता है, उसे सम्भाव्य अथवा संदिग्ध भविष्यत्काल कहते हैं ; जैसे - सम्भवतः वह आज न आये | 

    क्रियाओं के रूप : उपर्युक्त कालों के आधार पर क्रियाओं के विभिन्न रूप होते हैं | किस काल में क्रिया के क्या रूप होते हैं, इसको समझाने के लिए हम 'खा' धातु के विभिन्न कालों के क्रिया रूपों को यहाँ दे रहे हैं -

(१) 'खा' धातु सामान्य वर्तमानकाल

लिंग
पुरुष
एकवचन
बहुवचन

उत्तम पुरुष
मैं खाता हूँ |
हम खाते हैं |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खाता है |
तुम खाते हो |

अन्य पुरुष
वह खाता है |
वे खाते हैं |


उत्तम पुरुष
मैं खाती हूँ |
हम खाती हैं |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खाती है |
तुम खाती हो |

अन्य पुरुष
वह खाती है |
वे खाती हैं |


(२) 
 
'खा' धातु अपूर्ण वर्तमानकाल

उत्तम पुरुष
मैं खा रहा हूँ | 
हम खा रहे हैं |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खा रहा है |
तुम खा रहे हो |

अन्य पुरुष
वह खा रहा है |
वे खा रहे हैं |



उत्तम पुरुष
मैं खा रही हूँ |
हम खा रही हैं |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खा रही है |
तुम खा रही हो |

अन्य पुरुष
वह खा रही है |
वे खा रही हैं |

(३) 'खा' धातु संदिग्ध वर्तमानकाल
पुल्लिंग
अन्य पुरुष
वह खाता होगा |
वे खाते होंगे |
स्त्रीलिंग
अन्य पुरुष
वह खाती होगी |
वे खाती होंगी |
     विशेष : संदिग्ध वर्तमानकाल में उत्तम और मध्यम पुरुष में धातु के रूप नहीं चलते हैं |

(४)  'खा' धातु अपूर्ण भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैंने खाया |
हमने खाया |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तूने खाया |
तुमने खाया |

अन्य पुरुष
उसने खाया |
उन्होंने खाया |
     विशेष : स्त्रीलिंग में सामान्य भूतकाल में 'खा' धातु के तीनों पुरुषों के रूप स्त्रींलिंग की भाँति ही चलेंगे | कुछ धातुओं में इनके रूप अलग बनते हैं |
(५)  'खा' धातु आसन्न भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैंने खाया है | 
हमने खाया है |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तूने खाया है |
तुमने खाया है |

अन्य पुरुष
उसने खाया है |
उन्होंने खाया है |
     विशेष : 'खा' धातु के आसन्न भूतकाल में स्त्रीलिंग के रूप भी पुल्लिंग की भाँति ही चलते हैं |

(६)  'खा' धातु पूर्ण भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैंने खाया था |
हमने खाया था |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तूने खाया था |
तुमने खाया था |

अन्य पुरुष
उसने खाया था |
उन्होंने खाया था |
     विशेष : 'खा' धातु के पूर्ण भूतकाल में स्त्रीलिंग के रूप भी पुल्लिंग की भाँति ही चलते हैं |

(७)  'खा' धातु अपूर्ण भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैं खा रहा था |
हम खा रहे थे |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खा रहा था |
तुम खा रहे थे |

अन्य पुरुष
वह खा रहा था |
वे खा रहे थे |


उत्तम पुरुष
मैं खा रही थी |
हम खा रही थीं |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खा रही थी |
तुम खा रही थीं |

अन्य पुरुष
वह खा रही थी |
वे खा रही थीं |

(८)  'खा' धातु संदिग्ध भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैं खा चुका होऊँगा |
हम खा चुके होंगे |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खा चुका होगा |
तुम खा चुके होंगे |

अन्य पुरुष
वह खा चुका होगा |
वे खा चुके होंगे |


उत्तम पुरुष
मैं खा चुकी होऊँगी |
हम खा चुकी होंगी |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खा चुकी होगी |
तुम खा चुकी होंगी |

अन्य पुरुष
वह खा चुकी होगी |
वे खा चुकी होंगी |

(९)  'खा' धातु हेतुहेतुमद् भूतकाल

उत्तम पुरुष
मैं खाता |
हम खाते |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खाता |
तुम खाते |

अन्य पुरुष
वह खाता |
वे खाते |


उत्तम पुरुष
मैं खाती |
हम खातीं |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खाती |
तुम खातीं |

अन्य पुरुष
वह खाती |
वे खातीं |
(१०)  'खा' धातु सामान्य भविष्यत्काल

उत्तम पुरुष
मैं खाऊँगा |
हम खायेंगे |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खायेगा |
तुम खाओगे |

अन्य पुरुष
वह खायेगा |
वे खायेंगे |


उत्तम पुरुष
मैं खाऊँगी |
हम खायेंगी |
स्त्रीलिंग
मध्यम पुरुष
तू खायेगी |
तुम खाओगी |

अन्य पुरुष
वह खायेगी |
वे खायेंगी |

(११)  'खा' धातु सम्भाव्य भविष्यत्काल

उत्तम पुरुष
मैं खाऊँ |
हम खायें |
पुल्लिंग
मध्यम पुरुष
तू खाये |
तुम खाओ |

अन्य पुरुष
वह खाये |
वे खायें |
     विशेष : स्त्रीलिंग के रूप भी पुल्लिंग की भाँति ही होंगे |