Wednesday 3 October 2018

सर्वनाम और उसके भेद (Pronoun and its kinds)



  1. श्यामा पनघट को जा रही है |
  2. श्यामा ने श्यामा के सिर पर घड़ा रखा है |
  3. श्यामा के साथ श्यामा की बेटी भी है |
ऊपर के वाक्यों में पहला वाक्य तो ठीक है, किन्तु दूसरा और तीसरा वाक्य बड़ा अटपटा लगता है | इसका कारण यह है कि इन वाक्यों में श्यामा शब्द बार-बार आया है | यदि हम इन तीनों वाक्यों को इस प्रकार लिखें तो ये पढ़ने तथा सुनने में सुन्दर लगते हैं -
  1. श्यामा पनघट जा रही है |
  2. वह अपने सिर पर घड़ा रखे है |
  3. उसके साथ उसकी बेटी भी है |
     अब आप देखिये कि नीचे के वाक्यों में कौन से परिवर्तन हुए, जिनके कारण ये वाक्य पढ़ने और सुनने में अच्छे लगते हैं | आप देखेंगे कि इन वाक्यों में श्यामा के स्थान पर वह, अपने, उसके तथा उसकी शब्दों का प्रयोग हुआ है | व्याकरण में इसी प्रकार के शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है |

     सर्वनाम की परिभाषा : संज्ञा शब्दों के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं ; जैसे - ऊपर के दूसरे तथा तीसरे वाक्यों में श्यामा व्यक्तिवाचक संज्ञा के स्थान पर वह, अपने, उसके तथा उसकी शब्द का प्रयोग हुआ है ; अतः ये चारों शब्द सर्वनाम हैं |

   सर्वनाम के भेद : सर्वनाम के निम्नलिखित भेद हैं -
(१) पुरुषवाचक सर्वनाम
(२) निश्चयवाचक सर्वनाम
(३) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(४) सम्बन्धवाचक सर्वनाम
(५) प्रश्नवाचक सर्वनाम

     (१) पुरुषवाचक सर्वनाम : जो शब्द वक्ता (बोलने वाले), श्रोता (सुनने वाले) तथा अन्य (जिसके विषय में कुछ कहा जाये) के लिए प्रयुक्त होते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे -
     (क) मैंने सारा गृहकार्य पूरा कर लिया है |
     (ख) कुसुम ने चम्पा से कहा - तुम आज कहाँ गयी थी ?
     (ग) मुझे मालूम था कि वह आज नहीं आयेगा |
     उपर्युक्त वाक्यों में प्रथम वाक्य में 'मैंने' शब्द वक्ता को, द्वितीय वाक्य में 'तुम' शब्द श्रोता को तथा तृतीय वाक्य में 'वह' शब्द अन्य व्यक्ति को बताता है | पुरुषवाचक सर्वनाम भी तीन प्रकार के होते हैं |
    (अ) उत्तम पुरुष
 (ब) मध्यम पुरुष
(द) अन्य पुरुष

     (अ) उत्तम पुरुष : सर्वनाम शब्दों के जिस रूप से वक्ता का ज्ञान होता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं ; जैसे - मैं, मेरा, मुझे, मुझको, हमारा, हम, हमारे आदि |
     (ब) मध्यम पुरुष : सर्वनाम शब्दों के लिए जिस रूप से श्रोता का ज्ञान होता है, उसे मध्यम पुरुष के सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - तू, तुम, तुम्हारा, आप, आपका आदि | 
     (स) अन्य पुरुष : सर्वनाम शब्दों के जिस रूप से किसी अन्य व्यक्ति, जिसके विषय में कहा जा रहा हो, का ज्ञान होता है, उसे अन्य पुरुष के सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - वह, उसका, उसके आदि | 

     (२) निश्चयवाचक सर्वनाम : जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का ज्ञान होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - वह, यह, यही, वही इत्यादि |

     (३) अनिश्चयवाचक सर्वनाम : जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का ज्ञान नहीं होता है, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - किसी, कुछ, कोई, किन्हीं आदि |

     (४) सम्बन्धवाचक सर्वनाम : जिन सर्वनाम शब्दों से दो उपवाक्यों का आपस में सम्बन्ध जोड़ा जाये, उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - जो, सो, जैसा, तैसा, ऐसा, वैसा इत्यादि |
     यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है कि ये दो सर्वनाम शब्द एक साथ प्रयुक्त होते हैं ; जैसे - जैसी करनी, वैसी भरनी | यहाँ पर जैसी और वैसी सम्बन्धवाचक सर्वनाम हैं |

     (५) प्रश्नवाचक सर्वनाम : जिन सर्वनाम शब्दों से किसी प्रश्न का ज्ञान होता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता है ; जैसे - क्या, किसको, कौन, कब, कहाँ, कैसे आदि |

     इन सभी सर्वनामों के रूप कारक, विभक्ति और वचन के अनुसार बदलते रहते हैं, इनके रूप कैसे बदलते हैं, इसको भली प्रकार से समझाने के लिए हम नीचे प्रत्येक सर्वनाम के रूपों को बता रहे हैं | सर्वनामों में सम्बोधन कारक नहीं पाया जाता है |

पुरुषवाचक सर्वनामों के रूप

'मैं' उत्तम पुरुष
विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
मैं, मैंने
हम, हमने
द्वितीया
कर्म
मुझे, मुझको
हमें, हमको
तृतीया
करण
मुझसे, मेरे द्वारा
हमसे, हमारे द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
मेरे लिए
हमारे लिए
पञ्चमी
अपादान
मुझसे
हमसे
षष्ठी
सम्बन्ध
मेरा, मेरी, मेरे
हमारा, हमारी, हमारे
सप्तमी
अधिकरण
मुझ में, मुझ पर
हममें, हम पर


'तू' मध्यम पुरुष


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
तू, तुम, तूने
तुमने
द्वितीया
कर्म
तुझे, तुझको
तुम्हें, तुमको
तृतीया
करण
तुझसे, तेरे द्वारा
तुमसे
चतुर्थी
सम्प्रदान
तेरे लिए
तुम्हारे लिए
पञ्चमी
अपादान
तुझसे
तुमसे
षष्ठी
सम्बन्ध
तेरा, तेरी, तेरे
तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे
सप्तमी
अधिकरण
तुझ में, तुझ पर
तुममें, तुम पर


'वह' अन्य पुरुष


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
वह, उसने
वे, उन्होंने
द्वितीया
कर्म
उसे, उसको
उन्हें, उनको
तृतीया
करण
उससे, उसके द्वारा
उनसे, उनके द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
उसके लिए
उनके लिए
पञ्चमी
अपादान
उससे
उससे
षष्ठी
सम्बन्ध
उसका, उसकी, उसके
उनका, उनकी, के
सप्तमी
अधिकरण
उसमें, उस पर
उनमें, उन पर 

'यह' निश्चयवाचक सर्वनाम


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
यह, इसने
ये, इन्होंने
द्वितीया
कर्म
इसे, इसको
इन्हें, इनको
तृतीया
करण
इससे, इसके द्वारा
इनसे, इनके द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
इसके लिए
इनके लिए
पञ्चमी
अपादान
इससे
इनसे
षष्ठी
सम्बन्ध
इसका, इसकी, इसके
नका, इनकी, इनके
सप्तमी
अधिकरण
समें, इस पर
नमें, इन पर

'कोई' अनिश्चयवाचक सर्वनाम


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
कोई, किसी ने
कोई, किन्होंने
द्वितीया
कर्म
किसी को
किनको
तृतीया
करण
किसी से, किसी के द्वारा
किन से, किन के द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
किसके लिए
किनके लिए
पञ्चमी
अपादान
किसी से
किन से
षष्ठी
सम्बन्ध
किसी का, किसी की, इसके
किनका, किनकी, किनके
सप्तमी
अधिकरण
किसी में, किसी पर
किनमें, किन पर

'जो' सम्बन्धवाचक सर्वनाम


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
जो, जिसने
जो, जिन्होंने
द्वितीया
कर्म
जिसे, जिसको
जिन्हें, जिनको
तृतीया
करण
जिससे, जिसके द्वारा
जिनसे, जिनके द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
जिसके लिए
जिनके लिए
पञ्चमी
अपादान
जिससे
जिनसे
षष्ठी
सम्बन्ध
जिसका, जिसकी, जिसके
जिनका, जिनकी, जिनके
सप्तमी
अधिकरण
जिसमें, जिस पर
जिनमें, जिन पर


'कौन' प्रश्नवाचक सर्वनाम


विभक्ति
कारक
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
कर्त्ता
कौन, किसने
कौन, किन्होंने
द्वितीया
कर्म
किसे, किसको
किन्हें, किनको
तृतीया
करण
किससे, किसके द्वारा
किनसे, किनके द्वारा
चतुर्थी
सम्प्रदान
किसके लिए
किनके लिए
पञ्चमी
अपादान
किससे
किनसे
षष्ठी
सम्बन्ध
किसका, किसकी, किसके
किनका, किनकी, किनके
सप्तमी
अधिकरण
किसमें, किस पर
किनमें, किन पर

No comments:

Post a Comment