भाषा : जिस साधन द्वारा हम अपने विचारों और मन के भावों को बोलकर, लिखकर अथवा पढ़कर दूसरों पर प्रकट करते हैं, उसे भाषा कहते हैं | विचारों और भावों के प्रकटीकरण के आधार पर भाषा के दो रूप होते हैं -
(१) मौखिक भाषा : जब मन के विचारों अथवा भावों को बोलकर दूसरे पर प्रकट किया जाता है, तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं | हमारी आपस की बातचीत मौखिक भाषा का ही उदाहरण है |
(२) लिखित भाषा : जब मन के विचारों अथवा भावों को लिखकर दूसरे पर प्रकट किया जाता है, तो उसे लिखित भाषा कहते हैं | हमारे द्वारा लिखकर संपन्न किये जाने वाले सभी कार्य लिखित भाषा के उदाहरण हैं |
लिपि : प्रत्येक भाषा अनेक छोटी-छोटी ध्वनियों से मिलकर बनती है | उन ध्वनियों के लिखने की विधि को ही हम लिपि कहते हैं | हिंदी भाषा की लिपि को देवनागरी लिपि कहा जाता है | प्रत्येक भाषा की अपनी अलग लिपि होती है |
क्षेत्र के आधार पर भाषा के विविध रूप : कोई भाषा कितने और किस क्षेत्र में बोली है, इस आधार पर भाषा के निम्नलिखित रूप होते हैं -
(क) मातृभाषा : अपने माता-पिता अथवा परिवार द्वारा बच्चा जो भाषा सीखता है, वह उसकी मातृभाषा कहलाती है | अर्थात् बच्चे के परिवार द्वारा बोली जाने वाली भाषा ही मातृभाषा कहलाती है; जैसे: यदि किसी बच्चे के माता-पिता तथा अन्य परिवार वाले हिन्दी भाषा बोलते हैं, तो बच्चा भी हिन्दी भाषा ही बोलना सीखेगा | अतः हिन्दी उस बच्चे की मातृभाषा होगी |
(ख) प्रादेशिक भाषा : जब कोई भाषा किसी प्रदेश विशेष में ही बोली जाती है तो उसे प्रादेशिक भाषा कहते हैं ; जैसे: पंजाबी भाषा मुख्यतः पंजाब प्रदेश में ही बोली जाती है; अतः पंजाबी भाषा पंजाब की प्रादेशिक भाषा कहलाएगी |
(ग) राष्ट्र भाषा : जब कोई भाषा किसी राष्ट्र विशेष के समस्त प्रदेशों में बोली और समझी जाती है, तो उसे उस राष्ट्र की राष्ट्रभाषा कहा जाता है; जैसे: हिन्दी भाषा भारत के सम्पूर्ण प्रदेशों में बोली और समझी जाती है; अतः हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है |
(घ) अंतर्राष्ट्रीय भाषा : जब कोई भाषा विश्व के दो अथवा दो से अधिक राष्ट्र के लोगों द्वारा बोली अथवा समझी जाती है, तो वह अंतर्राष्ट्रीय भाषा कहलाती है; जैसे: अंग्रेजी भाषा विश्व के लगभग सभी राष्ट्रों द्वारा बोली अथवा समझी जाती है; अतः अंग्रेजी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है |
भाषा की इकाइयाँ : भाषा की तीन इकाइयाँ होती हैं | जिनमें प्रथम तथा सबसे छोटी इकाई को 'वर्ण' कहा जाता है | भाषा की दूसरी इकाई 'शब्द' कहलाती है, जो कि वर्ण से बड़ी मानी गयी है | भाषा की सबसे बड़ी और अंतिम इकाई को 'वाक्य' कहा जाता है |
व्याकरण : भाषा की शुद्धता के नियमों को बताने वाले शास्त्र को ही व्याकरण कहा जाता है | व्याकरण के भी तीन विभाग हैं - (क) वर्ण विचार, (ख) शब्द विचार, (ग) वाक्य विचार |
(१) मौखिक भाषा : जब मन के विचारों अथवा भावों को बोलकर दूसरे पर प्रकट किया जाता है, तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं | हमारी आपस की बातचीत मौखिक भाषा का ही उदाहरण है |
(२) लिखित भाषा : जब मन के विचारों अथवा भावों को लिखकर दूसरे पर प्रकट किया जाता है, तो उसे लिखित भाषा कहते हैं | हमारे द्वारा लिखकर संपन्न किये जाने वाले सभी कार्य लिखित भाषा के उदाहरण हैं |
लिपि : प्रत्येक भाषा अनेक छोटी-छोटी ध्वनियों से मिलकर बनती है | उन ध्वनियों के लिखने की विधि को ही हम लिपि कहते हैं | हिंदी भाषा की लिपि को देवनागरी लिपि कहा जाता है | प्रत्येक भाषा की अपनी अलग लिपि होती है |
क्षेत्र के आधार पर भाषा के विविध रूप : कोई भाषा कितने और किस क्षेत्र में बोली है, इस आधार पर भाषा के निम्नलिखित रूप होते हैं -
(क) मातृभाषा : अपने माता-पिता अथवा परिवार द्वारा बच्चा जो भाषा सीखता है, वह उसकी मातृभाषा कहलाती है | अर्थात् बच्चे के परिवार द्वारा बोली जाने वाली भाषा ही मातृभाषा कहलाती है; जैसे: यदि किसी बच्चे के माता-पिता तथा अन्य परिवार वाले हिन्दी भाषा बोलते हैं, तो बच्चा भी हिन्दी भाषा ही बोलना सीखेगा | अतः हिन्दी उस बच्चे की मातृभाषा होगी |
(ख) प्रादेशिक भाषा : जब कोई भाषा किसी प्रदेश विशेष में ही बोली जाती है तो उसे प्रादेशिक भाषा कहते हैं ; जैसे: पंजाबी भाषा मुख्यतः पंजाब प्रदेश में ही बोली जाती है; अतः पंजाबी भाषा पंजाब की प्रादेशिक भाषा कहलाएगी |
(ग) राष्ट्र भाषा : जब कोई भाषा किसी राष्ट्र विशेष के समस्त प्रदेशों में बोली और समझी जाती है, तो उसे उस राष्ट्र की राष्ट्रभाषा कहा जाता है; जैसे: हिन्दी भाषा भारत के सम्पूर्ण प्रदेशों में बोली और समझी जाती है; अतः हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है |
(घ) अंतर्राष्ट्रीय भाषा : जब कोई भाषा विश्व के दो अथवा दो से अधिक राष्ट्र के लोगों द्वारा बोली अथवा समझी जाती है, तो वह अंतर्राष्ट्रीय भाषा कहलाती है; जैसे: अंग्रेजी भाषा विश्व के लगभग सभी राष्ट्रों द्वारा बोली अथवा समझी जाती है; अतः अंग्रेजी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है |
भाषा की इकाइयाँ : भाषा की तीन इकाइयाँ होती हैं | जिनमें प्रथम तथा सबसे छोटी इकाई को 'वर्ण' कहा जाता है | भाषा की दूसरी इकाई 'शब्द' कहलाती है, जो कि वर्ण से बड़ी मानी गयी है | भाषा की सबसे बड़ी और अंतिम इकाई को 'वाक्य' कहा जाता है |
व्याकरण : भाषा की शुद्धता के नियमों को बताने वाले शास्त्र को ही व्याकरण कहा जाता है | व्याकरण के भी तीन विभाग हैं - (क) वर्ण विचार, (ख) शब्द विचार, (ग) वाक्य विचार |
Sahi h bahi
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